लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने पिछड़े और उपेक्षित कहे जाने वाले गांवों की सूरत बदलने की तैयारी कर ली है. योगी सरकार किसानों के गांव में ही उन्‍हें उद्यमी बनने का अवसर देने जा रही है. इन गांवों और ग्रामीणों को आर्थिक रूप से मजबूती देने के लिए प्रदेश सरकार बड़ी तैयारी कर रही है. योजना है कि इन गांवों में अब बायोगैस, फ्लाई ऐश ब्रिक्‍स और जैविक खाद्य प्रसंस्‍करण यूनिट जैसी तमाम इकाइयां लगाई जाएं. यहां बेकार और बंजर पड़े खेतों में बिजली पैदा होगी ताकि किसान अनाज के साथ बिजली भी बेचे. सरकार ने कृषि भूमि पर सोलर प्‍लांट, बायोगैस, फ्लाई ऐश ब्रिक्‍स और जैविक खाद्य प्रोसेसिंग यूनिट समेत कई नई इकाइयों के लगने का रास्‍ता साफ कर दिया है. 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने के साथ यूपी की सत्‍ता संभालने वाली योगी सरकार किसानों और गांव की अर्थव्‍यवस्‍था को नई मजबूती देने जा रही है. बेकार पड़ी जमीनों पर किसान अब औद्योगिक इकाइयां लगा सकेंगे. किसान अपनी कृषि भूमि को सोलर प्‍लांट और बायो गैस समेत अन्‍य इकाइयां लगाने के लिए लीज पर देकर भी आमदनी बढ़ा सकेंगे. राज्‍य सरकार के राजस्‍व विभाग ने सोलर प्‍लांट के लिए अधिकतम 30 साल की भूमि के निजी पट्टे का प्रावधान तय कर दिया है. जिसके बाद प्रदेश में सोलर प्‍लांट लगाने के लिए जमीन की उपलब्‍धता आसानी से हो सकेगी. बायोगैस, फ्लाई ऐश ब्रिक्‍स और जैविक खाद्य प्रोसेसिंग जैसी अन्‍य इकाइयों के लिए कृषि भूमि के 30 साल का पट्टा दिए जाने की योजना पर राजस्‍व विभाग तेजी से काम कर रहा है.

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