गोरखपुर| आपको एक ऐसे मंदिर के विषय में बताने जा रहे हैं जहां पिछले 300 सालों श्रद्धालु खून चढ़ाकर अपनी मुरादें पूरी करते चले आ रहे हैं। इस मंदिर में मां दुर्गा को रक्त चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। बताया जा रहा है कोई भी भक्त इस मंदिर से निराश होकर नहीं लौटता है।जो भी मांगता है उसकी मुराद पूरी होती है।मां दुर्गा के इस मंदिर में क्षत्रियों के श्रीनेत वंश के लोगों द्वारा नवरात्र में नवमी के दिन मां दुर्गा के चरणों में रक्त चढ़ाने की अनोखी परंपरा है। देश-विदेश में रहने वाले लोग यहां नवमी के दिन मां दुर्गा को अपना रक्त अर्पित करते हैं।नवजातों को मां के दरबार में लेकर श्रद्धालु पहुंचते हैं।उपनयन संस्कार के पूर्व तक एक जगह ललाट लिलार और (जनेऊ धारण करना-14 वर्ष की उम्र हो जाने के बाद युवकों-अधेड़ों और बुजुर्गों के शरीर से नौ जगहों से रक्त निकाला जाता है। उसे बेलपत्र में लेकर मां के चरणों में अर्पित किया जाता है।