गोण्डा। मंडप में दूल्‍हे को छोड़कर नौकरी की काउंसलिंग में पहुंची दुल्‍हन, वापस आई तो हुई विदाई । मंडप में बैठी दुल्‍हन की मांग में सुबह 5 बजे जैसे ही दूल्‍हे ने सिंदूर भरा, वैसे ही दुल्‍हन मंडप छोड़कर नौकरी की काउंसलिंग में चली गई. वहां उसे सरकारी नौकरी मिल गई और वापस आकर खुशी-खुशी विदा हुई. यह अनोखा वाकया उत्‍तर प्रदेश के गोंडा जिले का है।
गोंडा के रामनगर में बाराबंकी की रहने वाली प्रज्ञा तिवारी मेहंदी रचे हाथों से अपने डॉक्यूमेंटस को संभालते और फॉर्म फिल करते हुए दिखीं। इनके बालों में मोगरे के फूलों के गजरे सजे थे।प्रज्ञा की बुधवार को शादी हुई और गुरुवार सुबह 5 बजे फेरों के होते ही वह अपने पति के नाम का सिंदूर लगाकर गोंडा बीएसए ऑफिस के लिए निकल पड़ी थी जहांं प्रज्ञा की काउंसलिंग होनी थी।मंडप में दूल्‍हे को छोड़कर नौकरी की काउंसलिंग में पहुंची दुल्‍हन, वापस आई तो हुई विदाई। चूंकि काउंसलिंग की शेड्यूल डेट फिक्स थी इसलिए फेरों के बाद ही प्रज्ञा को कई रस्म छोड़कर काउंसलिंग के लिए जाना पड़ा। प्रज्ञा लाइन में लगी और अपने डॉक्यूमेंटस को चेक करवा कर रिसीविंग ली।प्रज्ञा के चेहरे पर दोहरी खुशी झलक रही थी।
प्रज्ञा का कहना है कि उसके लिए करियर ज्यादा मायने रखता है इसलिए अपने दूल्हे को अपने इंतजार में मंडप में छोड़कर वह काउंसलिंग के लिए आई थी। वहां सभी इंतजार कर रहे हैं कि कब दुल्हन बनी प्रज्ञा वापस आए और रस्म होने के बाद अपने ससुराल के लिए पति के साथ विदा हो।
प्रज्ञा का मानना है कि उसका दूल्हा उसके लिए बहुत लकी चार्मिंग है कि फाइनली उसकी जिंदगी में आने के बाद ही उसको नौकरी मिल गई।प्रज्ञा ने सभी पेरेंट्स से अपील की है कि वह सभी अपने बेटियों को खूब पढ़ाएं ताकि वह सेल्फ डिपेंडेंट हो सके।प्रज्ञा ने अपने इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय अपने मम्मी-पापा को दिया।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी प्रज्ञा को बधाई देते हुए कहा कि यह बड़ी बात है कि कल शादी हुई और आज नौकरी लग गई. प्रज्ञा काउंसलिंग करा कर वापस बाराबंकी चली गई है। प्रज्ञा, बेसिक शिक्षा विभाग गोंडा में शिक्षक के पद पर नियुक्त हुई हैं।

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