भागलपुर में 10 साल की बच्ची की खेल खेल में जान चली गई। वह अपने छोटे भाई-बहन को ‘फांसी’ का खेल दिखा रही थी तभी फंदा गले में कस गया। वह गोल गोल घूमती रही। भाई-बहन को लगा कि दीदी खेल दिखा रही है, लेकिन तब तक बच्ची का दम घुट चुका था।भागलपुर के बबरगंज में मंगलवार को यह हादसा हुआ। साक्षी मुन्ना सिंह और डॉली देवी की बड़ी बेटी थी। मुन्ना रिक्शा चलाता है, पत्नी डॉली लोगों के घरों में चौका-बरतन का काम करती है। पति-पत्नी बबरगंज में आशू यादव के घर में किराए पर रहते हैं। सुबह डॉली सभी बच्चों को चाय-बिस्कुट खिलाकर काम पर चली गई थी, जबकि मुन्ना सिंह रिक्शा लेकर निकल गया था। इसके बाद बच्चे खेलने लगे।साक्षी कपड़े से झूला बनाकर झूल रही थी। कपड़ा छत में लगी कुंडी से बंधा हुआ था। अचानक उसने कपड़े को अपने गले में लपेट लिया और अपने भाई-बहन से बोली कि मैं तुम्हें बताती हूं कि फांसी कैसे लगाते हैं। इतना कहने का बाद वह गोल-गोल घूमने लगी। उस मासूम ने कपड़े को इस तरह गले में लपेट लिया था कि उसकी जकड़ काफी मजबूत हो गई थी। कपड़ा गले में कसता गया और उसकी गर्दन अकड़ती गई। दोनों भाई और बहन ने समझा कि दीदी खेल दिखा रही है, लेकिन उनकी दीदी तो मौत के मुंह में चली गई थी।

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