खानपुर (गाजीपुर) : गंगा गोमती संगम तट से लेकर औड़िहार स्थित वराहधाम तक गंगा नदी में वन अधिकारी एवं वन्य अधिकारियों ने गहन निरीक्षण कर पटना में डॉल्फिन केंद्र बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। विभागीय अधिकारियों ने गंगा प्रहरियों के साथ वाराणसी के वन संरक्षक अधिकारी डॉ रवि कुमार और प्रभागीय निदेशक कुमारी स्वाति ने गंगा गोमती संगम से औड़िहार तक नौकायन कर कुल दस किलोमीटर की दूरी गंगा नदी में तय किया। इस दौरान जलीय पशु एवं प्रवासी पक्षियों के दिनचर्या को करीब से निहारा। गाजीपुर के प्रभागीय निदेशक विवेक यादव और सैदपुर की क्षेत्रीय वन अधिकारी नम्रता सिंह ने नाविकों और मछुआरों से बात कर गंगा नदी में डॉल्फिन की स्थिति का आंकलन किया। नम्रता सिंह ने बताया कि शांत स्वभाव की डॉल्फिन मछलियां स्वच्छ जल में विचरण करना पसंद करतीं है। डॉल्फिन मछलियों की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए पटना में डॉल्फिन केंद्र विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। वन एवं वन्य अधिकारियों ने गंगा नदी में जलयात्रा के दौरान सभी किनारों की स्थिति एवं घाटों का सघनता से निरीक्षण किया। गंगा प्रहरी रविकांत नागर के अनुसार गंगा नदी में पिछले दो साल से डॉल्फिन मछलियों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। डॉल्फिन की अठखेलियां देखने लोग नौका विहार कर बड़ी संख्या में पर्यटन के रूप में आने लगे है। उप प्रभागीय निदेशक वाराणसी राकेश कुमार ने क्षेत्रीय वन निरीक्षक सैदपुर रेंज के कुलदीप सिंह के साथ औड़िहार स्थित पंचायत भवन में एक बैठक किया। सभी अधिकारियों ने नाविकों और गंगा प्रहरियों के साथ डॉल्फिन को सुरक्षित प्रवास करने के लिए पटना में डॉल्फिन केंद्र बनाने पर जोर दिया।